Tuesday, August 26, 2025

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

 

 

1. भारत में छोटे स्तर पर कौन-से बिज़नेस शुरू किए जा सकते हैं?

👉 छोटे स्तर पर किराना स्टोर, ब्यूटी पार्लर, ट्यूशन क्लास, फूड प्रोसेसिंग (जैसे अचार/पापड़ बनाना), मोबाइल रिपेयरिंग शॉप आदि शुरू किए जा सकते हैं।


2. सबसे कम निवेश वाला बिज़नेस कौन-सा है?

👉 ट्यूशन क्लास, डिजिटल मार्केटिंग, ऑनलाइन कोर्स, होम-बेस्ड फूड बिज़नेस, हैंडीक्राफ्ट्स ऐसे काम हैं जिन्हें कम निवेश से शुरू किया जा सकता है।


3. कौन-सा बिज़नेस लंबे समय तक स्थायी (sustainable) है?

👉 फूड एंड बेवरेज, शिक्षा, हेल्थकेयर, कृषि उत्पाद, कपड़े और दैनिक उपयोग की वस्तुएँ हमेशा मांग में रहते हैं, इसलिए ये स्थायी बिज़नेस हैं।


4. किस बिज़नेस में सबसे ज्यादा मुनाफ़ा मिलता है?

👉 फार्मेसी/मेडिकल स्टोर, इलेक्ट्रॉनिक्स, रियल एस्टेट, डिजिटल मार्केटिंग, और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में ज़्यादा मुनाफ़ा संभावित है।


5. बिज़नेस शुरू करने से पहले क्या तैयारी करनी चाहिए?

✅ मार्केट रिसर्च
✅ बिज़नेस प्लान बनाना
✅ लाइसेंस/रजिस्ट्रेशन कराना
✅ फंडिंग और इन्वेस्टमेंट सोर्स तय करना
✅ सही लोकेशन और सप्लाई चेन मैनेजमेंट


6. क्या बिना दुकान खोले बिज़नेस किया जा सकता है?

👉 हाँ, आजकल ई-कॉमर्स (Amazon, Flipkart, Meesho) और डिजिटल सर्विस (SEO, Online Coaching, Freelancing) से बिना दुकान खोले बिज़नेस किया जा सकता है।


7. मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस के लिए न्यूनतम निवेश कितना चाहिए?

👉 छोटे पैमाने पर (जैसे फूड प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, हैंडीक्राफ्ट्स) ₹50,000 – ₹5 लाख में शुरू किया जा सकता है।
👉 बड़े पैमाने पर (जैसे ऑटो पार्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, कंस्ट्रक्शन मटेरियल) ₹10 लाख से ऊपर निवेश की आवश्यकता होती है।


8. कौन-से बिज़नेस ग्रामीण क्षेत्र (Village / Rural Area) में अच्छे चल सकते हैं?

👉 कृषि उत्पाद बिक्री, डेयरी बिज़नेस, किराना स्टोर, बीज-खाद की दुकान, मोबाइल रिपेयरिंग, ट्यूशन क्लास, डेयरी और जूस प्रोसेसिंग यूनिट


9. कौन-से बिज़नेस शहरों (Urban Areas) में अच्छे चलते हैं?

👉 फार्मेसी, इलेक्ट्रॉनिक्स, रेस्टोरेंट/कैफ़े, डिजिटल मार्केटिंग, इवेंट मैनेजमेंट, जिम, फैशन और गारमेंट्स


10. बिज़नेस शुरू करने के लिए लाइसेंस कहाँ से लेना पड़ता है?

👉

  • GST Registration – कर विभाग से

  • FSSAI License – फूड बिज़नेस के लिए

  • Shop & Establishment License – राज्य सरकार से

  • Udyam Registration (MSME) – मैन्युफैक्चरिंग/सर्विस यूनिट के लिए

  • Drug License – फार्मेसी/मेडिकल स्टोर के लिए

संत रविदास स्वरोजगार योजना एवं डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना

 

संत रविदास स्वरोजगार योजना एवं डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना : स्वरोजगार की ओर एक मजबूत कदम

भारत में आर्थिक समानता और सामाजिक न्याय को स्थापित करने के लिए सरकार समय-समय पर विभिन्न योजनाएँ संचालित करती है। विशेष रूप से अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु मध्यप्रदेश सरकार ने कई प्रभावी योजनाएँ लागू की हैं। इनमें से “संत रविदास स्वरोजगार योजना” और “डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना” दो प्रमुख योजनाएँ हैं, जिनका उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार हेतु प्रेरित करना और आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराना है। आइए इन योजनाओं का विस्तृत अध्ययन करते हैं।


1. संत रविदास स्वरोजगार योजना

योजना का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना है। इस योजना के माध्यम से सरकार चाहती है कि SC वर्ग के युवा न केवल रोजगार प्राप्त करें, बल्कि स्वयं उद्यमी बनकर समाज में अन्य लोगों के लिए भी रोजगार सृजन कर सकें।

योजना का क्रियान्वयन

  • इस योजना का क्रियान्वयन म.प्र. राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम मर्यादित, भोपाल द्वारा किया जाता है।

  • वित्तीय लक्ष्यों का निर्धारण जिलेवार प्रबंध संचालक द्वारा किया जाता है।

पात्रता

  1. आवेदक मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो।

  2. आवेदक अनुसूचित जाति वर्ग का सदस्य हो। (सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र आवश्यक है।)

  3. आयु सीमा – 18 से 40 वर्ष के बीच।

  4. आवेदक किसी भी बैंक/वित्तीय संस्था का चूककर्ता या अशोधी नहीं होना चाहिए।

  5. यदि आवेदक पहले से किसी अन्य सरकारी उद्यमी/स्वरोजगार योजना का लाभ ले चुका है, तो वह पात्र नहीं होगा।

  6. योजना का लाभ केवल एक बार मिलेगा।

  7. उद्यम मध्यप्रदेश की सीमा के अंदर स्थापित होना चाहिए।

वित्तीय सहायता

  • उद्योग विनिर्माण इकाई के लिए : ₹1 लाख से ₹50 लाख तक।

  • सेवा एवं खुदरा व्यवसाय के लिए : ₹1 लाख से ₹25 लाख तक।

ब्याज अनुदान

  • लाभार्थियों को बैंक से लिए गए ऋण पर 5% प्रतिवर्ष ब्याज अनुदान दिया जाएगा।

  • यह ब्याज अनुदान अधिकतम 7 वर्ष (मोरेटोरियम अवधि सहित) तक मान्य होगा।

  • अनुदान केवल तभी मिलेगा जब आवेदक नियमित रूप से किस्तों का भुगतान करेगा।


2. डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना

योजना का उद्देश्य

इस योजना का उद्देश्य भी अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना है। परंतु यह योजना उन युवाओं को लक्षित करती है जो छोटे स्तर पर उद्यम या व्यवसाय प्रारंभ करना चाहते हैं।

योजना का क्रियान्वयन

  • योजना का क्रियान्वयन भी म.प्र. राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम मर्यादित, भोपाल द्वारा किया जाता है।

  • वित्तीय लक्ष्य का निर्धारण जिलेवार किया जाता है।

पात्रता

  1. आवेदक मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो।

  2. अनुसूचित जाति वर्ग का सदस्य हो।

  3. आयु सीमा – 18 से 55 वर्ष के बीच।

  4. आवेदक किसी भी बैंक/वित्तीय संस्था का चूककर्ता नहीं होना चाहिए।

  5. पहले से किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ लेने वाले व्यक्ति को पात्रता नहीं मिलेगी।

  6. योजना का लाभ केवल एक बार मिलेगा।

  7. उद्यम उद्योग/सेवा व्यवसाय क्षेत्र का होना चाहिए।

वित्तीय सहायता

  • सभी प्रकार के स्वरोजगार हेतु परियोजनाएँ ₹10,000 से ₹1 लाख तक वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकती हैं।

ब्याज अनुदान

  • लाभार्थियों को बैंक से लिए गए ऋण पर 7% प्रतिवर्ष ब्याज अनुदान दिया जाएगा।

  • यह ब्याज अनुदान अधिकतम 5 वर्ष (मोरेटोरियम अवधि सहित) तक उपलब्ध होगा।

  • अनुदान केवल उन्हीं को मिलेगा जो समय पर ऋण चुकाते हैं।


दोनों योजनाओं की तुलना (Comparison)

विशेषतासंत रविदास स्वरोजगार योजनाडॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना
लक्ष्य वर्गअनुसूचित जाति वर्गअनुसूचित जाति वर्ग
आयु सीमा18-40 वर्ष18-55 वर्ष
वित्तीय सहायता₹1 लाख से ₹50 लाख (उद्योग) / ₹25 लाख (सेवा व व्यापार)₹10,000 से ₹1 लाख
ब्याज अनुदान5% प्रतिवर्ष (7 वर्ष तक)7% प्रतिवर्ष (5 वर्ष तक)
फोकसमध्यम एवं बड़े उद्यमछोटे स्वरोजगार व व्यवसाय

योजनाओं का महत्व

  1. आर्थिक सशक्तिकरण – इन योजनाओं के माध्यम से SC वर्ग को वित्तीय रूप से सशक्त बनाया जा रहा है।

  2. स्वरोजगार को बढ़ावा – युवाओं को रोजगार की तलाश के बजाय स्वयं रोजगार सृजित करने का अवसर मिलता है।

  3. गरीबी उन्मूलन – ऋण और ब्याज अनुदान से गरीब वर्ग अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकता है।

  4. सामाजिक समानता – अनुसूचित जाति वर्ग को विशेष सहयोग देकर सामाजिक न्याय सुनिश्चित किया जाता है।

भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना


✅ योजना का नाम : भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना (नवीन योजना)

🎯 योजना का उद्देश्य :
अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को नवीन उद्यमों की स्थापना हेतु कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।

🎓 शैक्षणिक योग्यता : न्यूनतम 8वीं कक्षा उत्तीर्ण।

🏢 योजना का क्रियान्वयन :
नोडल एजेन्सी – प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम, भोपाल।
सहायक आयुक्त / जिला संयोजक / शाखा प्रबंधक (आदिवासी वित्त एवं विकास निगम) एवं महाप्रबंधक (जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र) के माध्यम से संचालन।

📌 पात्रता :

  • आवेदक मध्यप्रदेश का मूल निवासी एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग का सदस्य हो।

  • आयु 18 से 45 वर्ष के बीच।

  • किसी भी बैंक/संस्था का चूककर्ता (Defaulter) न हो।

  • पहले से किसी अन्य सरकारी स्वरोजगार योजना का लाभ न लिया हो।

  • योजना का लाभ केवल एक बार मिलेगा।

  • योजना केवल उद्योग / सेवा व्यवसाय क्षेत्र के लिए मान्य।

💰 वित्तीय सहायता :

  • उद्योग विनिर्माण इकाई : ₹1 लाख से ₹50 लाख तक।

  • सेवा एवं रिटेल व्यापार : ₹1 लाख से ₹25 लाख तक।

  • ब्याज अनुदान – ऋण पर 5% (या वास्तविक, जो कम हो) ब्याज अनुदान अधिकतम 7 वर्ष तक (मोरेटोरियम अवधि सहित)।

  • शर्त – समय पर ऋण की अदायगी आवश्यक।

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